आयुष्मान भारत योजना पंजाब सरकार ने लगाई 250 करोड़ भुगतान में रोक, फर्जीवाड़ा अस्पतालों पर कसी नकेल। Aayushman Bharat Yojana: Punjab sarkar 250 karod
पंजाब सरकार के द्वारा आयुष्मान भारत योजना बीमा के तहत अस्पतालों में बहुत बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इस फर्जीवाड़े के बाद पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया। राज्य सरकार के तरफ से 250 करोड़ रुपये के भुगतान पर रोक लगा दिया गया।
चंडीगढ़ ब्यूरो राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत गलत एवं फर्जी क्लेम के दावे के मामले को देखते हुए एक ठोस कदम सरकार के द्वारा उठाया गया जिसके तहत सभी अस्पतालों का 250 करोड़ रुपये बकाया राशि भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
पंजाब सरकार के अंदर कुछ ऐसे 4812 दावे हैं जिसमें किसी ना किसी प्रकार की गड़बड़ी है या वह फर्जी तरीके से तैयार किया गया है। पंजाब सरकार के जांच एजेंसी की तरफ से फर्जी दावे पेश करने वाले सभी अस्पतालों पर कार्यवाही की जा रही है।
इस प्रक्रिया में पंजाब सरकार की तरफ से कढ़ी और विजिलेंस के द्वारा अस्पतालों की पूरी तरह से जांच की जाएगी । आयुष्मान भारत योजना के तहत से सभी लाभार्थियों का ₹5 लाख का कैशलेस बीमा कराया जाता है।
बहुत से मामले सामने आए फर्जी है मार्च विश्वकप में पंजाब सरकार के बीच विजिलेंस ने आयुष्मान भारत योजना के तहत करोड़ों रुपये घोटाले का खुलासा किया था।
सरकार के अस्पतालो हेल्थ कार्ड वाले सभी लव यू आर क्यों का फर्ज इलाज के बिल दस्तावेज जमा करवाकर बिल पास किया था।
पंजाब सरकार को पता चला विजिलेंस ने रोगी की ऑपरेशन के दरमियान अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके लिए अस्पताल ने उनसे स्मार्ट कार्ड के तहत इलाज नहीं किया जाएगा इस प्रकार की बात कही।
और उसे इस इलाज के लिए नगद के रूप में ₹25000 का भुगतान करने को कहा गया या नहीं तो 6 से 7 स्मार्ट कार्ड देने को कहा गया तब जाकर इलाज की कार्यवाही आगे बढ़ाया जाएगा।
भाई जबरन मरीज के घरवालों से 3 स्मार्ट कार्ड जमा कराया गया था जिस का गलत इस्तेमाल अस्पताल के द्वारा किया गया।
पंजाब में 683 अस्पताल और प्राइवेट है और 245 अस्पताल सरकारी इस मामले में शामिल हैं हालांकि इस योजना को लेकर कई दिनों से बहुत बड़ा हड़कंप मचा हुआ है आयुष्मान भारत के तहत पीजीआई के इस योजना के द्वारा इलाज बंद करने की बात कही गई है क्योंकि इस योजना के तहत पैसों का भुगतान नहीं किया गया है।
आयुष्मान योजना केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त खर्चें पर चलती है। पंजाब सरकार की ओर से कई अस्पतालों को अपना बनता हिस्सा नहीं दिया गया, जिसके बाद अस्पतालों में मरीजों का इलाज बंद हो गया।
बीते दिनों पीजीआइ ने भी मरीजों का इलाज बंद कर दिया, लेकिन अब फिर से मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब अपने बलबूते पर मरीजों का इलाज करेगा।
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